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जैन पाठशाला

बाल संस्कार सौरभ भाग-१ (प्रार्थना, णमोकार की महिमा)

प्रार्थना

1.

नमस्कार सब अरिहन्तों को, सिद्धालय के सिद्धों को।

आचार्यों को उपाध्यायों को, सर्व दिगम्बर संतो को ।।

2.

हे प्रभो आनन्द दाता ज्ञान हमको दीजिये, शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिये।

लीजिये हमको शरण में हम सदाचारी बनें, ब्रह्मचारी धर्मरक्षक वीर व्रत धारी बनें।

प्रेम से हम गुरुजनों की नित्य ही सेवा करें, सत्य बोलें झूठ त्यागें, स्नेह आपस में करें।

निन्‍दा किसी की हम किसी से भूलकर भी ना करें, दिव्य जीवन हो हमारा यश तेरा गाया करें।

हे प्रभो…

3.

वीर प्रभु की हम सन्तान, बनना है हमको भगवान।

सत्य अहिंसा इनका गान, जीव सताना दुख की खान।

निशि भोजन में हिंसा जान, पानी पीना पहले छान।

जिन दर्शन का रखना ध्यान, इससे बनते सब भगवान।

णमोकार का करना ध्यान, इससे कटते पाप महान।

आतम देह भिन्न पहचान, निर्णय करके बनो भगवान।

णमोकार महामंत्र

णमोकार मंत्र में कितने अक्षर – णमोकार मंत्र में पैतीस अक्षर।

णमोकार मंत्र में कितनी मात्राएँ – णमोकार मंत्र में अट्ठावन मात्राएँ।

णमोकार मंत्र में कितने पद हैं – णमोकार मंत्र में पांच पद हैं।

णमोकार मंत्र के कितने नाम हैं – णमोकार मंत्र के कई नाम हैं।

पहला नाम मूल मंत्र है, दूजा नमस्कार है, आदि मंत्र है, महामंत्र है, पंच नमस्कार है।

णमोकार मंत्र की महिमा बताओ ?

अपनी प्रज्ञा आप बढ़ाओ।

णमोकार मंत्र – महिमा

णमोकार यह मंत्र कहाता, सारे पाप नशाता है।

सब मंगल में पहला मंगल, इसको माना जाता है।

णमोकार मंत्र का फल

किसने किसको मंत्र सुनाया, णमोकार का फल प्रकटाया ?

जीवन्धर जे मंत्र सुनाया, कुत्ता मरकर स्वर्ग सिधाया।

पार्श्वनाथ ने मंत्र सुनाया, नाग-नागिन देव कहाया।

पदमुरूचि ने मंत्र सुनाया, बैल भी मरकर देव कहाया।

सीमंधर ने मंत्र सुनाया, भैसा मरकर स्वर्ग सिधाया।

देवगुरू ने मंत्र सुनाया, बन्दर मरकर स्वर्ग में जाया।

रत्न माला ने मंत्र सुनाया, तोता मस्कर देव कहाया।

णमोकार को किसने ध्याया, और बताओ क्या फल है पाया।

अंजन चोर ने इसको ध्याया, सात दिनों में मोक्ष को पाया।

प्रभावती ने इसको ध्याया, देवो ने आ उसे बचाया।

सीताजी ने इनको ध्याया, अग्नि कुंड को नीर बनाया।

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